वास्तु दोष है तो सभी लोगों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
कुबेर भगवान को धन का देवता माना जाता है।
(ग्रेटर नोएडा) वास्तु शास्त्र प्राचीन भारतीय विज्ञान है जिसमें घर, भवन, और मंदिर निर्माण करने की विधि को बताया गया है। इसी के साथ ही घर में किस प्रकार से रहन-सहन होना चाहिए। वास्तु शास्त्र में इस बात का भी उल्लेख है कि मकान, दुकान में पूजा पाठ में नियमों का पालन करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि की कमी नहीं होती है।
मान्यताओं के अनुसार जो व्यक्ति घर में वास्तु के अनुसार कार्य करता है उस घर में हमेशा खुशहाली बनी रहती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उस घर में मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है। अगर घर में वास्तु दोष है तो सभी लोगों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही घर के लोगों को बीमारियां छोड़ने का नाम नहीं लेती हैं। माना जाता है कि जिस घर में वास्तु दोष होता है तो वहां पर बरकत पूरी तरह से रुक जाती है। इस तरह की परेशानियों को दूर करने के लिए वास्तु शास्त्र में नियम दिए गए हैं। वास्तु के अनुसार घर में तांबा, चांदी या धातु के कछुआ रखने से पैसे की तंगी दूर होती है और घर का कलेश दूर होता है।
किन वस्तुओं को घर में रखने से दूर होता है वास्तु दोष
भगवान कुबेर जी की मूर्ति
वास्तु शास्त्र के अनुसार कुबेर भगवान को धन का देवता माना जाता है। घर में कुबेर भगवान की मूर्ति रखने से सकारात्मकता का वातावरण पैदा होता है। कुबेर जी की प्रतिमा रखने से कभी भी धन की कमी नहीं होती है।
हिंदू धर्म में है नारियल का विशेष स्थान
वास्तु के अनुसार घर में नारियल रखने से मां लक्ष्मी जी का वास बना रहता है। धन आने के सभी मार्ग खुलते हैं। इस श्रीफल को घर में रखना बेहद शुभ माना जाता है।
श्री यंत्र से यश की होती है प्राप्तिः
घर में श्री यंत्र रखने से यश में बढ़ोतरी होती है। श्री यंत्र और मां लक्ष्मी जी में गहरा संबंध है। मंदिर में श्री यंत्र को ईशान कोण में स्थापित करना चाहिए।
पिरामिड बुरी नजर को रखता है दूरः
पिरामिड बुरी आत्माओं को दूर करने में काफी मदद करता है। घर में हमेशा पिरामिड क्रिस्टल या फिर किसी धातु का होना चाहिए। इससे घर के सभी लोगों के जीवन में आर्थिक परेशानियां नहीं आती हैं।
(डिस्कलेमर) यह जानकारी लोक मान्यताओं पर आधारित है। इस खबर में दी गई सूचना और तथ्य की सटीकता, संपूर्णता के लिए JVMEDIA जिम्मेदार नहीं है।