(ग्रेटर नोएडा) भारत के पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह का गुरुवार को दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सोनिया गांधी सहित देश की तमाम राजनीतिक हस्तियों सहित गैर राजनीतिक लोग उनके घर पर पूर्व पीएम के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे हैं। उनके निधन पर देश में राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है।
राष्ट्रीय शोक और राजकीय शोक में क्या है अंतर
सबसे पहले हम राष्ट्रीय शोक की बात करते हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि लगभग दुनिया के सभी देशों में राष्ट्रीय शोक मनाने की परंपरा है। उस गणमान्य व्यक्ति के निधन पर राष्ट्रीय शोक मनाया जाता है जिसने राष्ट्र के हित में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हो। सामान्य राष्ट्रीय शोक एक दिन से लेकर सात दिन का होता है लेकिन यह सरकार पर निर्भर है कि वह सात दिन से भी अधिक दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित कर सकती है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।अभी तक देश में अनेक राजनेताओं पूर्व पीएम, पूर्व राष्ट्रपति और अपने-अपने क्षेत्र की महान हस्तियों के निधन पर राष्ट्रीय शोक घोषित किया जा चुका है।
क्या होता है राजकीय शोक
देश या प्रदेश में जब किसी बड़े राजनेता, अभिनेता, गायक, या किसी बड़ी शख्सियत की मृत्यु होती है तो उनके सम्मान में राजकीय या राष्ट्रीय शोक की घोषणा की जाती है। राजकीय शोक की घोषणा केंद्र सरकार या राज्य सरकार कर सकती है। वहीं राजकीय शोक कितने दिनों का होगा यह अवधि व्यक्ति के योगदान और उसके पद से तय होती है। इसी के साथ ही राजकीय शोक के दौरान तिरंगा आधा झुका रहता है। वहीं राजकीय शोक के दौरान छुट्टी कोई का कोई प्रावधान नहीं है जबकि राष्ट्रीय शोक के दौरान केंद्र सरकार छुट्टी का ऐलान कर सकती है।