(ग्रेटर नोएडा) सावन के पहले सोमवार को अवंतिका नगरी के राजा बाबा महाकाल पहली सवारी पर प्रजा का हाल जानने के लिए आज नगर के भ्रमण पर निकलेंगे। उज्जैन जिला प्रशासन ने इसके के लिए पूरी तैयारी कर, भक्तों के लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी हैं।
इस सवारी में बाबा महाकाल पालकी में मनमहेश के रूप में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे। सोमवार शाम 4 बजे शाही ठाठ-बाट के साथ मंदिर से सवारी की शुरूआत होगी। वहीं सावन की महीने में बाबा महाकाल के मंदिर में भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है।
श्रावण और भादो महीने में निकलने वाली महाकाल की सवारी को देखने के लिए देश-विदेश से भक्त उज्जैन पहुंचते हैं। इसी को देखते हुए एक महीने से भी अधिक पहले ही सवारी की तैयारियां शुरू हो जाती है। भगवान शिव को सावन का महीना बहुत प्रिय है।
22 जुलाई से सावन का माह शुरू हो रहा है। इसी दिन यानी 22 जुलाई से बाबा महाकाल अपने भक्तों का हाल-चाल जानने के लिए शहर का भ्रमण करेंगे। बाबा की पहली सवारी 22 जुलाई से शुरू होगी और आखिरी शाही सवारी 2 सितंबर को निकलेगी।
पहली सवारी 22 जुलाई (सावन)
दूसरी सवारी 29 जुलाई (सावन)
तीसरी सवारी 5 अगस्त (सावन)
चौथी सवारी 12 अगस्त (सावन)
पांचवी सवारी 19 अगस्त (सावन)
छठी सवारी 26 अगस्त ( भादौ)
शाही सवारी 2 सितंबर (भादौ)
इस रूट से निकलेगी बैल गाड़ी पर सवारीः
भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी मंदिर के सभा मण्डप में पूरी विधि-विधान और पूजा –अर्चन के बाद अपने निर्धारित समय से शुरू होकर महाकाल लोक, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट शिप्रा तट पहुंचेगी। यहां से वापसी में सवारी रामनुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती समाज मंदिर, सत्यानारायण मंदिर, ढाबा रोड़, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार से होते हुए गुदरी बाजार से श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।