(ग्रेटर नोएडा) माता सुंदरी कॉलेज में 22 और 23 अक्तूबर को 47वीं ‘बानी’ कीर्तन,भाषण और आखरकारी प्रतियोगिता आयोजित की गई। कॉलेज गत 46 वर्षों से बानी कीर्तन प्रतियोगिता आयोजित करने की परंपरा का निर्वाह कर रहा है। यह प्रतियोगिता कॉलेज और स्कूल दोनों स्तरों पर आयोजित की जाती है, जिसमें नर्सरी, मिडिल,सेकेंडरी, सीनियर सेकेंडरी व कॉलेज स्तर के विद्यार्थी सहभागिता करते हैं। 47वीं बानी कीर्तन प्रतियोगिता चौथे सिख गुरु रामदास जी के सम्मान में आयोजित की गई, तीसरे सिख गुरुअमर दास जी, गुरु रामदास जी के मार्गदर्शक थे और उन्होंने सिख धर्म को आकार देने, समानता और सामुदायिक सेवा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।गुरु राम दास जी ने सिखों के लिए एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र अमृतसर शहर की स्थापना करके इन शिक्षाओं को आगे बढ़ाया।बानी, भाषण, आखरकारीऔर कीर्तन पाठ के माध्यम से हम एकता, शांति और विनम्रता के उनके कालातीत संदेशों का स्मरण करते हैं।
उद्घाटन समारोह कॉलेज गुरुद्वारा साहिब में पहले दिन, 22 अक्टूबर को सुबह 9.30 बजे हुआ। प्राचार्य, प्रो. गुरप्रीत कौर ने प्रतिभागियों, टीम समन्वयकों, निर्णायकों का स्वागत किया और श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी और माता सुंदरी जी से आशीर्वाद लेकर औपचारिक रूप से कार्यक्रम की शुरुआत की।कार्यक्रम के पहले दिन सभी स्तरों पर बानी और भाषण प्रतियोगिता आयोजित हुई। बानी प्रतियोगिता गुरु रामदास जी द्वारा लिखित करहले बानी और लवन बानी पर थी, जो कि उनके जीवन, शिक्षाओं और विचारधारा पर आधारित थी। लगभग 230 छात्रों ने सभी स्तरों पर बानी प्रतियोगिताओं में भाग लिया; 200 छात्रों ने भाषण में सहभागिता की।प्रतियोगिताएँ पहले दिन सुबह लगभग 10 बजे शुरू हुईं और दोपहर 1 बजे तक सम्पन्न हुईं । इसके बाद सभी ने गुरु का लंगर चखा। प्राचार्य प्रो. गुरप्रीत कौर और शासी निकाय के सदस्य एस. सतनाम सिंह ने सभी निर्णायकों को माता सुंदरी जी के हुकुमनामे से सम्मानित किया। विजेताओं और टीमों को ट्राफियां और नकद पुरस्कार प्रदान किए गए। सभी प्रतिभागी प्रतियोगिता को लेकर बहुत उत्साहित थे।
दूसरे दिन कीर्तन और अखारकारी (गुरबानी सुलेख) प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस वर्ष अखारकारी (गुरबानी सुलेख) प्रतियोगिता को माध्यमिक और सेकेंडरी स्तर पर भी आयोजित किया गया। पिछले साल, अखारकारी प्रतियोगिता केवल सीनियर सेकेंडरी और महाविद्यालय स्तरों पर शुरू की गई थी।इस वर्ष अखारकारी प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में सहभागिता हुई । अखारकारी प्रतियोगिता कीचारों श्रेणियों में100 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। कीर्तन प्रतियोगिता में सभी स्तरों पर लगभग 53 टीमों ने भाग लिया। दूसरे दिन, प्रतियोगिताएं सुबह 10:30 पर शुरू हुईं और लगभग 12:30 बजे संपन्न हुईं। कॉलेज गुरुद्वारा साहिब में दोपहर 1 बजे समापन समारोह के साथ दो दिवसीय बानी, कीर्तन, भाषण और अखारकारी प्रतियोगिता का समापन हुआ।विजेताओं को मुख्य अतिथियों:- एस. जसविंदर सिंह जॉली, अध्यक्षः अल्पसंख्यक और संपदा प्रकोष्ठ, डी.एस.जी.एम.सी., एस. कुलबीर सिंह, सदस्य, शासी निकाय, एस. राजिंदर सिंह विरासत, अध्यक्ष, विरासत सिख धर्म ट्रस्ट और श्री करणवीर भुल्लर, उपनिदेशक-उत्पादन, वनइंडिया एवं प्राचार्य प्रो. हरप्रीत कौर द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गए। हमारे विशिष्ट अतिथि, एस. जसविंदर सिंह जॉली ने प्रयासों की सराहना की और इस प्रतियोगिता के उत्कृष्ट आयोजन के लिए पूरी आयोजन टीम डॉ. इशलीन कौर, संयोजक;बानी कीर्तन प्रतियोगिता और प्रो. हरलीन कौर और सुश्री जसमीत कौर, सह-संयोजक;सुश्री रश्मि सिंह, संयोजक;दिव्यता समाज और पूरी दिव्यता टीम की प्रशंसा की।इन प्रतियोगिताओं के माध्यम से हमारा उद्देश्य छात्रों को गुरमत के मौलिक सिद्धांतों के प्रति प्रेरित करना है। यह प्रतियोगिता गुरु रामदास जी को समर्पित है, ताकि हम गुरु साहिब के जीवन से प्रेरणा लेते रहें।