यूपी में साइबर क्राइम को रोकने के लिए काफी काम हो रहा है
(ग्रेटर नोएडा) साइबर क्राइम तेजी के साथ बढ़ रहा है। साइबर अपराध करता कोई है और इस क्राइम के लिए किसी निर्दोष को पकड़ लिया जाता है, क्योंकि अपराध इतनी चालाकी से किया जाता है कि दोषी व्यक्ति किसी को दिखाई नहीं देता है। यह बातें यूपी सरकार में परिवहन परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह आईआईएमटी कॉलेज में कही।
वह आईआईएमटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग व फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। ‘साइबर सेफ उत्तर प्रदेश’ कार्यक्रम के संबोधन में उन्होंने कहा कि यूपी में साइबर क्राइम को रोकने के लिए काफी काम हो रहा है। आईआईएमटी कॉलेज की तरफ से ‘साइबर सेफ उत्तर प्रदेश’ जो काम हो रहा है वह सराहनीय है। मंत्री दया शंकर का स्वागत आईआईएमटी कॉलेज समूह के प्रबंध निदेशक डॉ मयंक अग्रवाल ने फूलों का गुलदस्ता देकर किया। इस मौके पर डॉ मयंक अग्रवाल ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट ऑनलाइन स्कैन का नया तरीका है। जिसकी मदद से साइबर अपराधी लोगों के बैंक अकाउंट खाली कर रहे हैं। यह स्कीम्स इस हद तक पीड़ित को परेशान करते हैं कि वह किसी की मदद नहीं ले पता है और न सच्चाई का पता कर पता है, पूरे स्कैन के दौरान पीड़ित को नजरों के सामने रखा जाता है।
दूसरी तरफ पूर्व आईपीएस और सीओई-डीएफआईआर के मुख्य संरक्षक प्रोफेसर डॉ. त्रिवेणी सिंह ने कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए कहा कि “सीओई-डीएफआईआर सिर्फ एक प्रशिक्षण मैदान नहीं है, बल्कि एक क्रूसिबल है जहां अगली पीढ़ी के साइबर रक्षकों को तैयार किया जाएगा। हमारा लक्ष्य साइबर अपराधियों से आगे रहना और सभी के लिए एक सुरक्षित डिजिटल वातावरण बनाना है। इस मौके पर इन्क्यूबेशन के महाप्रबंधक मयंक राज, हर्षवर्धन, सौम्या, निशांत, बिट्टू सहित साइबर के कई एक्सपर्ट मौजूद रहे।